EPFO के खाताधारकों के लिए खुशखबरी

Posted on: 11 March 2025 Share

EPFO SCHEME: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के खाताधारकों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना है। ईपीएफओ ने एम्प्लॉय डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। इन परिवर्तनों के माध्यम से मृत्यु दावा दायर करना अब अधिक सरल हो जाएगा और बीमा भुगतान के साथ-साथ कवरेज में भी वृद्धि की जाएगी, जिससे हर साल हजारों परिवारों को सहायता प्राप्त होगी।

वास्तव में, यदि कोई EPF सदस्य एक वर्ष से पहले नौकरी के दौरान निधन हो जाता था, तो उसके परिवार को EDLI डेथ लाभ नहीं मिलता था। लेकिन अब, यदि EPF सदस्य की मृत्यु एक वर्ष से कम सेवा अवधि में होती है, तो उनके परिवार को न्यूनतम ₹50,000 का बीमा लाभ प्राप्त होगा। इस संशोधन के परिणामस्वरूप, हर साल सेवा के दौरान मृत्यु के 5,000 से अधिक मामलों में अधिक लाभ मिलने की संभावना है।

क्या है EDLI योजना, कैसे मिलेगा लाभ

भारत सरकार ने 1976 में ईडीएलआई योजना की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों के असामयिक निधन के मामले में उनके परिवारों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। यह योजना उन कर्मचारियों के लिए है जो EPF के तहत रजिस्टर्ड हैं और विशेष रूप से उन EPF खाताधारकों को लाभ पहुंचाती है, जिनकी नौकरी के पहले वर्ष में मृत्यु हो जाती है। इसके अलावा, नौकरी बदलने वाले कर्मचारियों को भी इस बीमा कवरेज का लाभ मिलता है।

हाल ही में EPFO के नियमों में बदलाव के कारण, नए EPF सदस्यों को भी EDLI लाभ प्राप्त होगा, यदि उनकी मृत्यु सेवा के पहले वर्ष के भीतर होती है। ऐसी स्थिति में, EPF सदस्य के परिवार को कम से कम 50,000 रुपये का जीवन बीमा भुगतान किया जाएगा।

इस प्रकार योजना में 7 लाख रुपये का लाभ प्राप्त होता है

ईडीएलआई योजना में हालिया संशोधन के बाद, कर्मचारियों को अब 2.5 लाख रुपये से लेकर 7 लाख रुपये तक का बीमा कवरेज उपलब्ध होगा। सरल शब्दों में, ईडीएलआई के अंतर्गत मिलने वाली बीमा राशि पिछले 12 महीनों में प्राप्त मासिक वेतन का 35 गुना होती है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी का मासिक वेतन 15,000 रुपये है, तो उसका 35 गुना 5 लाख 25 हजार रुपये होगा, इसके साथ ही उसे 1,75,000 रुपये का बोनस भी मिलेगा। इस योजना के तहत कुल बीमा राशि 7 लाख रुपये निर्धारित की गई है। पहले, यदि EPF सदस्य नौकरी बदलते समय 1-2 दिन का अंतर रखते थे, तो इसे सेवा अवधि में ब्रेक माना जाता था, जिससे परिवार को लाभ नहीं मिल पाता था। लेकिन अब यदि दो नौकरियों के बीच दो महीने तक का अंतर है, तो इसे निरंतर सेवा माना जाएगा। इससे हर साल 1,000 से अधिक परिवारों को इसका प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा।