कृषि के 6 स्तंभों को आधार बनाकर खेती की योजनाएं निर्धारित करें -डॉ.पाठक

Posted on: 21 June 2024 Share

उज्जैन। किसानों की आय दोगुनी करने हेतु प्राकृतिक खेती ही एक ऐसा माध्यम है जिससे केवल मृदा का स्वास्थ्य ही ठीक नहीं होता, बल्कि मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को भी दूषित होने से बचाया जा सकता है। हमें कृषि के छह स्तंभों जल, जमीन, बीज, जलवायु, मानव संसाधन और कृषि उपकरण को आधार बना कर खेती की योजनाएं निर्धारित करना होगी। उक्त उद्गार कृषि विज्ञान केन्द्र उज्जैन की 37वी वैज्ञानिक परामर्शदात्री समिति की बैठक में अध्यक्ष के रुप में सम्बोधित करते हुए कृषि महाविद्यालय इंदौर के अधिष्ठाता डॉ.केएन पाठक ने व्यक्त किये। इस अवसर पर संचालक विस्तार सेवाएं रा.वि.सि.कृ.वि.वि ग्वालियर के प्रतिनिधि के रुप में डॉ.वायडी मिश्रा वर्चुअली उपस्थित थे।

सभी उपस्थितों का स्वागत कर डॉ.आरपी शर्मा प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख द्वारा सभी सदस्यों को वैज्ञानिक परामर्शदात्री समिति के बारे में विस्तार से बताया गया तथा कार्यक्रम की रूपरेखा दी गई।

डॉ.आरपी शर्मा एवं डॉ.डीएस तोमर वरिष्ठ वैज्ञानिक ने विगत छह माह का प्रगति प्रतिवेदन तथा आगामी खरीफ मौसम की तकनीकी जानकारी पावर पाइंट के माध्यम से दी। तत्पश्चात सभी से सुझाव आमंत्रित किये गये। इसमें कृषि विभाग से संयुक्त संचालक कृषि श्री आरपीएस नायक, संयुक्त संचालक, उद्यानिकी श्री आशीष कुमार कनेश, श्री बी.एस.जामरा, डॉ.अंशु जैन, श्रीमति कीर्ति गाकरे, श्री पीसीएस सिसौदिया, श्री दीपक पाल, श्री प्रदीप बारपेटे, कृपा एवं आसा गैर-सरकारी संस्थानों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने बहुमूल्य विचार रखे। साथ ही प्रगतिशील किसान श्री इंदरसिंह सिंह जादौन, श्री ईश्वर ने भी अपने विचार रखे। कार्यकंम में केवीके रिंग पार्टनर डॉ.अमवाबतिया शाजापुर तथा श्री राधेश्याम टेलर इंदौर वर्चुअल रुप से उपस्थित थे।

श्री आर.पी.एस. नायक द्वारा प्राकृतिक खेती पर प्रयोग केन्द्र के फसल संग्रहालय में लगाने का सुझाव दिया ताकि जिले के विभिन्न तहसीलों के कृषक देखकर प्रेरित हो सकें। इस अवसर पर डॉ.एस.के.कौशिक, डॉ.रेखा तिवारी, श्रीमती रुचिता कनौजिया डॉ.मौनी सिंह, श्रीमती सपना सिंह, श्री डी.के. सूर्यवंशी वैज्ञानिक एवं अन्य कर्मचारियों का उल्लेखनीय सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन डॉ.डीएस तोमर द्वारा किया गया।